Home Rent Rule: अगर आपका मकान है और आप उसे किराए पर देना चाहते हैं, तो आपको सरकार के नए नियमों के बारे में जरूर जानना चाहिए। आपके लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है।
दरअसल, मोदी सरकार ने मकान मालिकों के लिए टैक्स संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो उनके लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो टैक्स की बचत के लिए अपनी प्रॉपर्टी से होने वाली आमदनी को छिपाते हैं।
बता दें कि अब घर किराए पर देने के नियम और भी सख्त हो गए हैं, जिससे कई मकान मालिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आप भी अपने मकान से होने वाली कमाई पर टैक्स नहीं देते थे, तो अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए। आइए जानते हैं इस नए कानून के मुख्य बिंदु और इसका क्या असर पड़ेगा।
मकान किराए पर देने से जुड़ा नया नियम
अगर आप एक मकान मालिक हैं और आपने अपना घर किराए पर उठाया है या उठाने का विचार कर रहे हैं, तो आपको नए नियमों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
सरकार ने अब किराए पर दिए गए मकान की आय को “इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी” के रूप में घोषित करने का आदेश दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब आपको किराए से होने वाली आय पर टैक्स देना ही होगा।
नए नियम की महत्वपूर्ण बातें
विषय | जानकारी |
नियम लागू होने की तारीख | 1 अप्रैल 2025 |
किस पर लागू होगा | सभी मकान मालिक जो किराए से कमाई करते हैं |
टैक्स नियम | “इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी” के तहत टैक्स देना अनिवार्य |
टैक्स डिडक्शन | प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू का 30% टैक्स छूट |
टैक्स चोरी पर कार्रवाई | सख्त कानूनी कार्रवाई |
नया कानून कब से होगा लागू?
सरकार द्वारा लाए गए इस नए नियम के अनुसार, यह कानून 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। इस तारीख के बाद, मकान मालिकों को अपनी प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर टैक्स देना होगा और टैक्स चोरी करने पर सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
नए नियम से क्या होगा असर?
इस नियम से खासकर उन लोगों को मुश्किल हो सकती है जो टैक्स बचाने के लिए अपने घर को किराए पर देते थे। अब उन्हें अपनी आमदनी को सरकार के समक्ष प्रकट करना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, मकान मालिकों को कुछ राहत भी दी गई है, जैसे कि वे प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू का 30 प्रतिशत टैक्स सेव कर सकते हैं।
क्या मकान मालिकों को मिल रही है कोई छूट?
हालांकि सरकार ने टैक्स नियमों को कड़ा कर दिया है, लेकिन मकान मालिकों को कुछ छूट भी दी जा रही है। वे प्रॉपर्टी की नेट वैल्यू का 30 प्रतिशत तक टैक्स बचा सकते हैं।
इसके अलावा, उन्हें कई तरह के खर्चों पर भी छूट दी जा सकती है, जैसे मेंटेनेंस और अन्य खर्चे आदि।
टैक्स चोरी पर रोक
सरकार का यह कदम मकान मालिकों द्वारा टैक्स चोरी पर रोक लगाने के उद्देश्य से लिया गया है। अब मकान मालिक किराए से होने वाली आय को छुपा नहीं पाएंगे, क्योंकि सरकार ने इसे कानूनी रूप से अनिवार्य बना दिया है।
अगर कोई मकान मालिक इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।